Ghazals of Akbar Masoom

Ghazals of Akbar Masoom
नामअकबर मासूम
अंग्रेज़ी नामAkbar Masoom
जन्म की तारीख1961

ये सारी धूल मिरी है ये सब ग़ुबार मिरा

ये सारे फूल ये पत्थर उसी से मिलते हैं

ये जो इक शाख़ है हरी थी अभी

ये गुल जिस ख़ाक से लाया गया है

उस ख़ुश-अदा के आइना-ख़ाने में जाऊँगा

सुन! हिज्र और विसाल का जादू कहाँ गया

नींद में गुनगुना रहा हूँ मैं

न अपना नाम न चेहरा बदल के आया हूँ

ख़्वाब आराम नहीं ख़्वाब परेशानी है

ख़ुद से निकलूँ भी तो रस्ता नहीं आसान मिरा

ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो

अब भी अक्सर ध्यान तुम्हारा आता है

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