Sad Poetry of Akbar Masoom

Sad Poetry of Akbar Masoom
नामअकबर मासूम
अंग्रेज़ी नामAkbar Masoom
जन्म की तारीख1961

जिस के बग़ैर जी नहीं सकते थे जा चुका

है मुसीबत में गिरफ़्तार मुसीबत मेरी

ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो

अब तुझे मेरा नाम याद नहीं

ये सारे फूल ये पत्थर उसी से मिलते हैं

सुन! हिज्र और विसाल का जादू कहाँ गया

नींद में गुनगुना रहा हूँ मैं

ख़्वाब आराम नहीं ख़्वाब परेशानी है

ख़ुद से निकलूँ भी तो रस्ता नहीं आसान मिरा

ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो

अब भी अक्सर ध्यान तुम्हारा आता है

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