Friendship Poetry of Altaf Hussain Hali

Friendship Poetry of Altaf Hussain Hali
नामअल्ताफ़ हुसैन हाली
अंग्रेज़ी नामAltaf Hussain Hali
जन्म की तारीख1837
मौत की तिथि1914
जन्म स्थानDelhi

तज़्किरा देहली-ए-मरहूम का ऐ दोस्त न छेड़

दिल से ख़याल-ए-दोस्त भुलाया न जाएगा

आ रही है चाह-ए-यूसुफ़ से सदा

नशात-ए-उमीद

मुनाजात-ए-बेवा

मिट्टी का दिया

मर्सिया-ए-देहली-ए-मरहूम

हुब्ब-ए-वतन

कर के बीमार दी दवा तू ने

कब्क ओ क़ुमरी में है झगड़ा कि चमन किस का है

जुनूँ कार-फ़रमा हुआ चाहता है

जीते जी मौत के तुम मुँह में न जाना हरगिज़

इश्क़ को तर्क-ए-जुनूँ से क्या ग़रज़

हश्र तक याँ दिल शकेबा चाहिए

हक़ीक़त महरम-ए-असरार से पूछ

है ये तकिया तिरी अताओं पर

गो जवानी में थी कज-राई बहुत

दिल से ख़याल-ए-दोस्त भुलाया न जाएगा

दिल को दर्द-आश्ना किया तू ने

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