Love Poetry of Ambar Bahraichi

Love Poetry of Ambar Bahraichi
नामअम्बर बहराईची
अंग्रेज़ी नामAmbar Bahraichi
जन्म स्थानLucknow

सूखी टहनी पर हरियल

इम्बिसात-ए-अज़ली

हम ख़्वाब-ज़दा

एक रियाज़त ये भी

वो लम्हा मुझ को शश्दर कर गया था

शब ख़्वाब के जज़ीरों में हँस कर गुज़र गई

मिरे चेहरे पे जो आँसू गिरा था

मैं अपनी वुसअतों को उस गली में भूल जाता हूँ

क्यूँ न हों शाद कि हम राहगुज़र में हैं अभी

जलते हुए जंगल से गुज़रना था हमें भी

जगमगाती रौशनी के पार क्या था देखते

हर तरफ़ उस के सुनहरे लफ़्ज़ हैं फैले हुए

हर लम्हा सैराबी की अर्ज़ानी है

हँसते हुए चेहरे में कोई शाम छुपी थी

गुलाब था न कँवल फिर बदन वो कैसा था

गीली मिट्टी हाथ में ले कर बैठा हूँ

गर्दिश का इक लम्हा यूँ बेबाक हुआ

चेहरों पे ज़र-पोश अंधेरे फैले हैं

बुरीदा बाज़ुओं में वो परिंद लाला-बार था

अब क़बीले की रिवायत है बिखरने वाली

आज फिर धूप की शिद्दत ने बड़ा काम किया

अम्बर बहराईची Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अम्बर बहराईची. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अम्बर बहराईची. Share the अम्बर बहराईची Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.