Ghazals of Amit Sharma Meet

Ghazals of Amit Sharma Meet
नामअमित शर्मा मीत
अंग्रेज़ी नामAmit Sharma Meet
जन्म स्थानBareilly (Uttar Pradesh)

ये लगता है अब भी कहीं कुछ बचा है

तुझ को मा'लूम नहीं क्या है तिरी यादों से

तेरी तस्वीरों को देख पिघलती हैं

सुनो यार इस की घुटन कुछ नहीं है

सच कहने का आख़िर ये अंजाम हुआ

क़िस्मत अपनी ऐसी कच्ची निकली है

नज़र भर के यूँ जो मुझे देखता है

मुझ को पाने के सिवा और तमन्ना क्या है

माज़ी के जब ज़ख़्म उभरने लगते हैं

मैं केवल अब ख़ुद से रिश्ता रक्खूँगा

जिस्म को जीने की आज़ादी देती हैं

जब जज़्बा इक बार जिगर में आता है

ग़रज़ पड़ने पे उस से माँगता है

इक तरफ़ प्यार है रिश्ता है वफ़ादारी है

दुनिया को जब नज़दीकी से देखा है

अपनी आँखों को कभी ठीक से धोया ही नहीं

अपने हिस्से की अना दूँ तो अना दूँ किस को

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