बड़े सुकून से डूबे थे डूबने वाले
जो साहिलों पे खड़े थे बहुत पुकारे भी
Gulzar
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1206) Peoples Rate This
समुंदर आसमान और मैं
ज़िंदगानी जावेदानी भी नहीं
औरों का था बयान तो मौज सदा रहे
एक कमरा-ए-इम्तिहान में
ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते
ये जो हासिल हमें हर शय की फ़रावानी है
पर्दे में लाख फिर भी नुमूदार कौन है
जब भी उस शख़्स को देखा जाए
आवाज़ के पत्थर
दश्त-ए-बे-आब की तरह गुज़री
बुज़दिल
हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी