Sharab Poetry of Arzoo Lakhnavi
नाम | आरज़ू लखनवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Arzoo Lakhnavi |
जन्म की तारीख | 1873 |
मौत की तिथि | 1951 |
जन्म स्थान | Karachi |
कविताएं
Ghazal 63
Couplets 78
Rubaai 5
Love 79
Sad 54
Heart Broken 65
Bewafa 9
Hope 33
Friendship 7
Islamic 11
Sufi 3
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 6
ख्वाब 11
Sharab 13
हाथ से किस ने साग़र पटका मौसम की बे-कैफ़ी पर
हर टूटे हुए दिल की ढारस है तिरा वअ'दा
'आरज़ू' जाम लो झिजक कैसी
वो बन कर बे-ज़बाँ लेने को बैठे हैं ज़बाँ मुझ से
पियूँ ही क्यूँ जो बुरा जानूँ और छुपा के पियूँ
नज़र उस चश्म पे है जाम लिए बैठा हूँ
मुझ को दिल क़िस्मत ने उस को हुस्न-ए-ग़ारत-गर दिया
कहीं सर पटकते दीवाने कहीं पर झुलसते परवाने
जितना था सरगर्म-ए-कार उतना ही दिल नाकाम था
हुस्न से शरह हुई इश्क़ के अफ़्साने की
हर साँस है इक नग़्मा हर नग़्मा है मस्ताना
अव्वल-ए-शब वो बज़्म की रौनक़ शम्अ' भी थी परवाना भी
ऐ मिरे ज़ख़्म-ए-दिल-नवाज़ ग़म को ख़ुशी बनाए जा