असरार-उल-हक़ मजाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का असरार-उल-हक़ मजाज़ (page 5)
नाम | असरार-उल-हक़ मजाज़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Asrar-ul-Haq Majaz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Lucknow |
कविताएं
Ghazal 39
Nazam 57
Couplets 33
Qita 10
Love 99
Sad 62
Heart Broken 81
Bewafa 1
Hope 45
Friendship 17
Islamic 20
Sufi 4
Social 2
देशभक्तिपूर्ण 10
बारिश 11
ख्वाब 20
Sharab 33
ख़ामुशी का तो नाम होता है
करिश्मा-साजी-ए-दिल देखता हूँ
कमाल-ए-इश्क़ है दीवाना हो गया हूँ मैं
जुनून-ए-शौक़ अब भी कम नहीं है
जिगर और दिल को बचाना भी है
इज़्न-ए-ख़िराम लेते हुए आसमाँ से हम
हुस्न फिर फ़ित्नागर है क्या कहिए
हुस्न को बे-हिजाब होना था
दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता-ए-जफ़ा पे कहीं
धुआँ सा इक सम्त उठ रहा है शरारे उड़ उड़ के आ रहे हैं
दर्द की दौलत-ए-बेदार अता हो साक़ी
दामन-ए-दिल पे नहीं बारिश-ए-इल्हाम अभी
बस इस तक़्सीर पर अपने मुक़द्दर में है मर जाना
बर्बाद-ए-तमन्ना पे इताब और ज़ियादा
अक़्ल की सतह से कुछ और उभर जाना था
ऐश से बे-नियाज़ हैं हम लोग
आसमाँ तक जो नाला पहुँचा है
आशिक़ी जाँ-फ़ज़ा भी होती है
आओ अब मिल के गुलिस्ताँ को गुल्सिताँ कर दें