आज भी 'प्रेम' के और 'कृष्ण' के अफ़्साने हैं
आज भी वक़्त की जम्हूरी ज़बाँ है उर्दू
Anwar Masood
Habib Jalib
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Wasi Shah
Gulzar
Mir Taqi Mir
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Love Poetry
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Sad Poetry
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Sharabi Poetry
Friends Poetry
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ज़रूरत ढल गई रिश्ते में वर्ना
इल्म
सब्र की हद भी तो कुछ होती है
उर्दू
किसी के जिस्म-ओ-जाँ छलनी किसी के बाल-ओ-पर टूटे
सर पे सूरज हो मगर साया न हो ऐसा न था
सब ख़्वाब पुराने हैं हर चंद फ़साने हैं
ख़्वाब की दिल्ली
हम को आगे जाना है
जागते ही नज़र अख़बार में खो जाती है
पियारे बच्चों की पियारी तमन्नाएँ
तीरगी शम्अ बनी राहगुज़र में आई