ज़रूरत ढल गई रिश्ते में वर्ना
यहाँ कोई किसी का अपना कब है
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कोई भी ख़ुश नहीं है इस ख़बर से
सर पे सूरज हो मगर साया न हो ऐसा न था
सब्र की हद भी तो कुछ होती है
पियारे बच्चों की पियारी तमन्नाएँ
एक ऊलुल-अज़्म बच्चे का एहसास
पढ़-लिख कर हम नाम करेंगे
उर्दू
ख़्वाब ही ख़्वाब की ताबीर हुआ तो जाना
साँसों के तआक़ुब में हैरान मिली दुनिया
आज भी 'प्रेम' के और 'कृष्ण' के अफ़्साने हैं