इल्म

इल्म इक ऐसी दौलत है

कोई बाँट न इस को पाए

कोई छाँट न इस को पाए

हर-सू उस की धाक है ऐसी

कोई डाँट न इस को पाए

इल्म इक ऐसी दौलत है

इस से अदना होता आला

होता है पस्त इस से बाला

चाहे गोरा हो या काला

इस से बनता वो रखवाला

इल्म इक ऐसी दौलत है

इस से मत रहना तुम खींचे

रखता है जो इस को भेंचे

आगे वो सब इस के पीछे

हर ऊँचाई इस के नीचे

इल्म इक ऐसी दौलत है

इल्म है ख़ास इनआम-ए-क़ुदरत

नहीं है इस से बढ़ कर नेमत

इस से सारी शान-ओ-शौकत

इस से अज़्मत इस से शोहरत

इल्म इक ऐसी दौलत है

इस दौलत को पाओ बच्चो

आपस में फैलाओ बच्चो

ऊँचा नाम कमाओ बच्चो

सब को ये बतलाओ बच्चो

इल्म बड़ी इक दौलत है

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Ilm In Hindi By Famous Poet Ata Abidi. Ilm is written by Ata Abidi. Complete Poem Ilm in Hindi by Ata Abidi. Download free Ilm Poem for Youth in PDF. Ilm is a Poem on Inspiration for young students. Share Ilm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.