Sharab Poetry of Aziz Hyderabadi
नाम | अज़ीज़ हैदराबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aziz Hyderabadi |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 25
Love 22
Sad 19
Heart Broken 21
Bewafa 2
Hope 4
Islamic 3
Sufi 1
ख्वाब 1
Sharab 5
ज़ालिम तिरे वादों ने दीवाना बना रक्खा
उठाईं हिज्र की शब दिल ने आफ़तें क्या क्या
नारा-ए-तकबीर भी ज़ाहिद निसार-ए-नग़मा है
क्यूँ ख़फ़ा हो क्यूँ इधर आते नहीं
जफ़ा देखनी थी सितम देखना था