Love Poetry of Aziz Hyderabadi

Love Poetry of Aziz Hyderabadi
नामअज़ीज़ हैदराबादी
अंग्रेज़ी नामAziz Hyderabadi

नस्रीं में ये महक है न ये नस्तरन में है

मुश्किल है इमतियाज़-ए-अज़ाब-ओ-सवाब में

हुस्न है दाद-ए-ख़ुदा इश्क़ है इमदाद-ए-ख़ुदा

हम को सँभालता कोई क्या राह-ए-इश्क़ में

धड़कते हुए दिल के हम-राह मेरे

देखता हूँ उन की सूरत देख कर

अयाँ या निहाँ इक नज़र देख लेते

अभी कुछ है अभी कुछ है अभी कुछ

ज़िंदगी नाम है मोहब्बत का

ज़ालिम तिरे वादों ने दीवाना बना रक्खा

वहशत-ए-दिल का अजब रंग नज़र आता है

उठाईं हिज्र की शब दिल ने आफ़तें क्या क्या

शोख़ी उफ़-रे तिरी नज़र की

शोख़ी से कश्मकश नहीं अच्छी हिजाब की

नाज़नीनान-ए-जहाँ शोबदा-गर पक्के हैं

नारा-ए-तकबीर भी ज़ाहिद निसार-ए-नग़मा है

न बदलना था न बदला दिल-ए-शैदा अपना

मोहब्बत का मुझे दावा ही क्या है

क्यूँ ख़फ़ा हो क्यूँ इधर आते नहीं

कोई रुस्वा कोई सौदाई है

दर्द जाता नज़र नहीं आता

बढ़ गईं गुस्ताख़ियाँ मेरी सज़ा के साथ साथ

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