Khawab Poetry of Bahadur Shah Zafar

Khawab Poetry of Bahadur Shah Zafar
नामज़फ़र
अंग्रेज़ी नामBahadur Shah Zafar
जन्म की तारीख1775
मौत की तिथि1862
जन्म स्थानDelhi

ख़्वाब मेरा है ऐन बेदारी

इधर ख़याल मिरे दिल में ज़ुल्फ़ का गुज़रा

चाहिए उस का तसव्वुर ही से नक़्शा खींचना

वो सौ सौ अठखटों से घर से बाहर दो क़दम निकले

पान खा कर सुर्मा की तहरीर फिर खींची तो क्या

नहीं इश्क़ में इस का तो रंज हमें कि क़रार ओ शकेब ज़रा न रहा

मर गए ऐ वाह उन की नाज़-बरदारी में हम

मैं हूँ आसी कि पुर-ख़ता कुछ हूँ

क्या कहूँ दिल माइल-ए-ज़ुल्फ़-ए-दोता क्यूँकर हुआ

हिज्र के हाथ से अब ख़ाक पड़े जीने में

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