Hope Poetry of Bayan Ahsanullah Khan
नाम | बयाँ अहसनुल्लाह ख़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Bayan Ahsanullah Khan |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1798 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 23
Couplets 5
Love 12
Sad 8
Heart Broken 14
Bewafa 4
Hope 9
Friendship 14
Islamic 3
बारिश 1
ख्वाब 3
Sharab 3
लहू टपका किसी की आरज़ू से
ये ख़ूब-रू न छुरी ने कटार रखते हैं
ये आरज़ू है कि वो नामा-बर से ले काग़ज़
मत सता मुझ को आन आन अज़ीज़
कोई समझाईयो यारो मिरा महबूब जाता है
जो ज़मीं पर फ़राग़ रखते हैं
जा कहे कू-ए-यार में कोई
फ़रहाद किस उम्मीद पे लाता है जू-ए-शीर
दिल अब उस दिल-शिकन के पास कहाँ