दाग़ देहलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का दाग़ देहलवी (page 9)
नाम | दाग़ देहलवी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Dagh Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1831 |
मौत की तिथि | 1905 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 77
Couplets 175
Qita 1
Love 93
Sad 91
Heart Broken 97
Bewafa 25
Hope 55
Friendship 44
Islamic 42
Sufi 3
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 4
ख्वाब 13
Sharab 24
देख कर जौबन तिरा किस किस को हैरानी हुई
डरते हैं चश्म ओ ज़ुल्फ़ ओ निगाह ओ अदा से हम
बुतान-ए-माहवश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैं
भवें तनती हैं ख़ंजर हाथ में है तन के बैठे हैं
भला हो पीर-ए-मुग़ाँ का इधर निगाह मिले
बाक़ी जहाँ में क़ैस न फ़रहाद रह गया
बात मेरी कभी सुनी ही नहीं
अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता
अच्छी सूरत पे ग़ज़ब टूट के आना दिल का
अभी हमारी मोहब्बत किसी को क्या मालूम
अब वो ये कह रहे हैं मिरी मान जाइए
आरज़ू है वफ़ा करे कोई
आप का ए'तिबार कौन करे