Khawab Poetry of Dagh Dehlvi
नाम | दाग़ देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Dagh Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1831 |
मौत की तिथि | 1905 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 77
Couplets 175
Qita 1
Love 93
Sad 91
Heart Broken 97
Bewafa 25
Hope 55
Friendship 44
Islamic 42
Sufi 3
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 4
ख्वाब 13
Sharab 24
बहुत रोया हूँ मैं जब से ये मैं ने ख़्वाब देखा है
ये बात बात में क्या नाज़ुकी निकलती है
उज़्र उन की ज़बान से निकला
तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था
शब-ए-वस्ल ज़िद में बसर हो गई
पयामी कामयाब आए न आए
मुझ सा न दे ज़माने को परवरदिगार दिल
खुलता नहीं है राज़ हमारे बयान से
काबे की है हवस कभी कू-ए-बुताँ की है
इन आँखों ने क्या क्या तमाशा न देखा
होश आते ही हसीनों को क़यामत आई
ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
भवें तनती हैं ख़ंजर हाथ में है तन के बैठे हैं