फ़ना बुलंदशहरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का फ़ना बुलंदशहरी (page 2)
नाम | फ़ना बुलंदशहरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fana Bulandshahri |
कविताएं
Ghazal 39
Couplets 5
Love 39
Sad 32
Heart Broken 28
Bewafa 3
Hope 18
Friendship 22
Islamic 11
Sufi 5
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 8
Sharab 11
हुस्न-ए-बुताँ का इश्क़ मेरी जान हो गया
हरम है क्या चीज़ दैर क्या है किसी पे मेरी नज़र नहीं है
हर घड़ी पेश-ए-नज़र इश्क़ में क्या क्या न रहा
हाँ वही इश्क़-ओ-मोहब्बत की जिला होती है
है वज्ह कोई ख़ास मिरी आँख जो नम है
ग़म-ए-दुनिया ग़म-ए-हस्ती ग़म-ए-उल्फ़त ग़म-ए-दिल
दुनिया के हर ख़याल से बेगाना कर दिया
दिल बुतों पे निसार करते हैं
बा-होश वही हैं दीवाने उल्फ़त में जो ऐसा करते हैं
अँधेरे लाख छा जाएँ उजाला कम नहीं होता
ऐ सनम तुझ को हम भुला न सके
ऐ सनम देर न कर अंजुमन-आरा हो जा
अब तसव्वुर में हरम है न सनम-ख़ाना है
आँखों में नमी आई चेहरे पे मलाल आया