हम को बरा-ए-दुनिया बे-जान कर दिया है

हम को बरा-ए-दुनिया बे-जान कर दिया है

क्या इश्क़ तू ने जीना आसान कर दिया है

फिर हम ने रास्ते का कोई उसूल तोड़ा

फिर वक़्त ने हमारा चालान कर दिया है

सीना फुला के ऐसे मस्जिद से आ रहे हैं

अल्लाह-मियाँ पे जैसे एहसान कर दिया है

मिट्टी को अपनी मिट्टी पानी को अपना पानी

सरमाया आब-ओ-गिल का सब दान कर दिया है

तू ने हमारे फ़ानी होने की लाज रख ली

आब-ए-हयात मिट्टी में सान कर दिया है

साहिल की बस्तियों का सारा घमंड टूटा

सैलाब ने तमाँचा जब तान कर दिया है

सूखे लबों पे उस ने टपकाया आब-ए-बोसा

और वो भी अपने होंठों से छान कर दिया है

तुम सोच में पड़े हो तो सोचते रहो तुम

हम ने तो इश्क़ अपना एलान कर दिया है

हम ने तो ज़ख़्म अपने लिख लिख के रख लिए थे

यारों ने जम्अ' कर के दीवान कर दिया है

हम चाहते थे अपना करना उसे तो उस ने

हम को ही अपने घर का दरबान कर दिया है

दुनिया ने कुछ न छोड़ा जुज़ एक 'फ़रहत-एहसास'

हर एक फ़रहत-उल्लाह को ख़ान कर दिया है

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