Coupletss of Farooq Shafaq
नाम | फ़ारूक़ शफ़क़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Shafaq |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 10
Love 11
Sad 12
Heart Broken 13
Hope 3
Friendship 2
Social 1
बारिश 1
ख्वाब 3
ज़ेहन की आवारगी को भी पनाहें चाहिए
सुना है हर घड़ी तू मुस्कुराता रहता है
शहर में जीना है चलना दो-रुख़ी तलवार पर
शहर का मंज़र हमारे घर के पस-ए-मंज़र में है
सामने झील है झील में आसमाँ
इस सियह-ख़ाने में तुझ को जागना है रात भर
होने वाला था इक हादसा रह गया
अपनी लग़्ज़िश को तो इल्ज़ाम न देगा कोई
आँधियों का ख़्वाब अधूरा रह गया
आज सोचा है जागूँगा मैं रात में