Sad Poetry of Farooq Shafaq
नाम | फ़ारूक़ शफ़क़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Farooq Shafaq |
कविताएं
Ghazal 18
Couplets 10
Love 11
Sad 12
Heart Broken 13
Hope 3
Friendship 2
Social 1
बारिश 1
ख्वाब 3
याद रखते किस तरह क़िस्से कहानी लोग थे
वो अलग चुप है ख़ुद से शर्मा कर
रात काफ़ी लम्बी थी दूर तक था तन्हा मैं
पौ फटी एक ताज़ा कहानी मिली
कोई भी शख़्स न हंगामा-ए-मकाँ में मिला
खिड़कियों पर मल्गजे साए से लहराने लगे
घर की चीज़ों से यूँ आश्ना कौन है
दुनिया क्या है बर्फ़ की इक अलमारी है
दिन को थे हम इक तसव्वुर रात को इक ख़्वाब थे
छाँव की शक्ल धूप की रंगत बदल गई
बहुत धोका किया ख़ुद को मगर क्या कर लिया मैं ने
आँधियों का ख़्वाब अधूरा रह गया