Love Poetry of Faryad Aazar

Love Poetry of Faryad Aazar
नामफ़रियाद आज़र
अंग्रेज़ी नामFaryad Aazar
जन्म की तारीख1956
मौत की तिथि-
जन्म स्थानDelhi

मैं जिस में रह न सका जी-हुज़ूरियों के सबब

अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया

सुराग़ भी न मिले अजनबी सदा के मुझे

सुब्ह होती है तो दफ़्तर में बदल जाता है

सबब थी फ़ितरत-ए-इंसाँ ख़राब मौसम का

इसी फ़ुतूर में कर्ब-ओ-बला से लिपटे हुए

इस तमाशे का सबब वर्ना कहाँ बाक़ी है

अदा हुआ न क़र्ज़ और वजूद ख़त्म हो गया

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