Sad Poetry of Hasan Akbar Kamal
नाम | हसन अकबर कमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Akbar Kamal |
जन्म की तारीख | 1946 |
मौत की तिथि | 2017 |
कविताएं
Ghazal 18
Nazam 5
Couplets 11
Love 21
Sad 18
Heart Broken 20
Hope 8
Friendship 3
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 1
ख्वाब 6
Sharab 1
क्या तर्जुमानी-ए-ग़म-ए-दुनिया करें कि जब
गए दिनों में रोना भी तो कितना सच्चा था
रंग-ए-सियाह के नाम एक नज़्म
माज़ी में रह जाने वाली आँखें
गुमनाम शहीद का कतबा
ऐ फ़ैरी-टेल
वो शख़्स तो मुझे हैरान करता जाता था
उस इक उम्मीद को तो राहत-ए-सफ़र न समझ
सफ़्फ़ाक सराब से ज़ियादा
क्या होता है ख़िज़ाँ बहार के आने जाने से
क्या गुमाँ था कि न होगा कोई हम-सर अपना
हुनर जो तालिब-ए-ज़र हो हुनर नहीं रहता
हो तेरी याद का दिल में गुज़र आहिस्ता आहिस्ता
है तन्हाई में बहना आँसुओं का
ग़ज़ल में हुस्न का उस के बयान रखना है
ग़म-ए-जाँ गुम ग़म-ए-दुनिया में तो होना मुश्किल
दुनिया में कितने रंग नज़र आएँगे नए
दिल में तिरे ख़ुलूस समोया न जा सका