ख्वाब Poetry (page 3)
हर्फ़ सादा-ओ-रंगीं
मुनीर नियाज़ी
मोहब्बत ख़्वाब जैसी है
फ़ाख़िरा बतूल
ज़िंदगी और मौत
फ़ज़लुर्रहमान
अंदेशा
फ़ैसल हाश्मी
दुखों के रूप बहुत और सुखों के ख़्वाब बहुत
तनवीर अंजुम
राएगाँ सुब्ह की चिता पर
तनवीर अंजुम
ख़ार चुनते हुए
तनवीर अंजुम
अन-देखी लहरें
तनवीर अंजुम
आज़ादी से नींदों तक
तनवीर अंजुम
आशाएँ
तनवीर अंजुम
तरीक़ कोई न आया मुझे ज़माने का
तनवीर अंजुम
किस तरह उस को बुलाऊँ ख़ाना-ए-बर्बाद में
तनवीर अंजुम
जचती नहीं कुछ शाही-ओ-इम्लाक नज़र में
तनवीर अंजुम
दुखों के रूप बहुत और सुखों के ख़्वाब बहुत
तनवीर अंजुम
बस्तियाँ तो आसमाँ ले जाएँगे
तनवीर अंजुम
कहाँ न-जाने चला गया इंतिज़ार कर के
इरफ़ान सत्तार
कभी किसी से न हम ने कोई गिला रक्खा
इरफ़ान सत्तार
जो बे-रुख़ी का रंग बहुत तेज़ मुझ में है
इरफ़ान सत्तार
हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले
इरफ़ान सत्तार
इक ख़्वाब नींद का था सबब, जो नहीं रहा
इरफ़ान सत्तार
ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया
इरफ़ान सत्तार
अब तिरे लम्स को याद करने का इक सिलसिला और दीवाना-पन रह गया
इरफ़ान सत्तार
अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी
इरफ़ान सत्तार
आज बाम-ए-हर्फ़ पर इम्कान भर मैं भी तो हूँ
इरफ़ान सत्तार
है दर्द के इंतिसाब सा कुछ
इरफ़ान अहमद
मैं कई बरसों से तेरी जुस्तुजू करती रही
इरम ज़ेहरा
कितनी दूर से चलते चलते ख़्वाब-नगर तक आई हूँ
इरम ज़ेहरा
कैसे बनाऊँ हाथ पर तस्वीर ख़्वाब की
इरम ज़ेहरा
मैं सुनता रहता हूँ नग़्मे कमाल के अंदर
इक़तिदार जावेद
दोस्तों में वाक़ई ये बहस भी अक्सर हुई
इक़बाल उमर