ख्वाब Poetry (page 4)
अब इलाज-ए-दिल-ए-बीमार-ए-सहर हो कि न हो
इक़बाल उमर
जो तसव्वुर से मावरा न हुआ
इक़बाल सुहैल
जो तसव्वुर से मावरा न हुआ
इक़बाल सुहैल
उस ने दिल से निकाल रक्खा है
इक़बाल पयाम
जिस का चेहरा गुलाब जैसा है
इक़बाल पयाम
रात तारीक रास्ते ख़ामोश
इक़बाल माहिर
नज़र नज़र में तमन्ना क़दम क़दम पे गुरेज़
इक़बाल माहिर
बगूलों की सफ़ें किरनों के लश्कर सामने आए
इक़बाल माहिर
अहल-ए-फ़न अहल-ए-अदब अहल-ए-क़लम कहते रहे
इक़बाल माहिर
ख़्वाब बर्फ़ानी चिता है
इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी
बंद आँखों में सारा तमाशा देख रहा था
इक़बाल ख़ुसरो क़ादरी
तिरे जुज़्व जुज़्व ख़याल को रग-ए-जाँ में पूरा उतार कर
इक़बाल कौसर
मिरी ख़ाक उस ने बिखेर दी सर-ए-रह ग़ुबार बना दिया
इक़बाल कौसर
इक लौ थी मिरे ख़ून में तहलील तो ये थी
इक़बाल कौसर
अगरचे मुझ को बे-तौक़-ओ-रसन-बस्ता नहीं छोड़ा
इक़बाल कौसर
मोहब्बतों ने बड़ी हेर-फेर कर दी है
इक़बाल कैफ़ी
वो आ रहे हैं वो जा रहे हैं मिरे तसव्वुर पे छा रहे हैं
इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल
दिल-ए-मुज़्तर को हम कुछ इस तरह समझाए जाते हैं
इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल
जो तेरे दर्द हैं वही सब मेरे दर्द हैं
इक़बाल हैदर
ये निगाह-ए-शर्म झुकी झुकी ये जबीन-ए-नाज़ धुआँ धुआँ
इक़बाल अज़ीम
हर-चंद गाम गाम हवादिस सफ़र में हैं
इक़बाल अज़ीम
अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे
इक़बाल अज़ीम
क़ैद-ए-कौन-ओ-मकान से निकला
इक़बाल अासिफ़
फ़रार पा न सका कोई रास्ता मुझ से
इक़बाल अशहर कुरेशी
उर्दू
इक़बाल अशहर
वो भी कुछ भूला हुआ था मैं कुछ भटका हुआ
इक़बाल अशहर
सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला
इक़बाल अशहर
कितने भूले हुए नग़्मात सुनाने आए
इक़बाल अशहर
ख़ुदा ने लाज रखी मेरी बे-नवाई की
इक़बाल अशहर
कभी कसक जुदाई की कभी महक विसाल की
इक़बाल अशहर