Sad Poetry of Humaira Rahat

Sad Poetry of Humaira Rahat
नामहुमैरा राहत
अंग्रेज़ी नामHumaira Rahat
जन्म की तारीख1959
जन्म स्थानKarachi, Pakistan

ये किस की याद की बारिश में भीगता है बदन

वो इश्क़ को किस तरह समझ पाएगा जिस ने

तअल्लुक़ की नई इक रस्म अब ईजाद करना है

मिरे दिल के अकेले घर में 'राहत'

ख़ुशी मेरी गवारा थी न क़िस्मत को न दुनिया को

ये कहना था जो दुनिया कह रही है

वक़्त की आँख से कुछ ख़्वाब नए माँगता है

तअल्लुक़ की नई इक रस्म अब ईजाद करना है

मैं आब-ए-इश्क़ में हल हो गई हूँ

कहानी को मुकम्मल जो करे वो बाब उठा लाई

हवा के साथ ये कैसा मोआमला हुआ है

हर एक ख़्वाब की ताबीर थोड़ी होती है

बारिश के क़तरे के दुख से ना-वाक़िफ़ हो

आँखों से किसी ख़्वाब को बाहर नहीं देखा

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