अज़हर इक़बाल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज़हर इक़बाल

अज़हर इक़बाल  कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अज़हर इक़बाल
नामअज़हर इक़बाल
अंग्रेज़ी नामAzhar Iqbal

कहीं अबीर की ख़ुश्बू कहीं गुलाल का रंग

ये कैफ़ियत है मेरी जान अब तुझे खो कर

तुम्हारे आने की उम्मीद बर नहीं आती

फिर इस के बाद मनाया न जश्न ख़ुश्बू का

न जाने ख़त्म हुई कब हमारी आज़ादी

हर एक शख़्स यहाँ महव-ए-ख़्वाब लगता है

हर एक सम्त यहाँ वहशतों का मस्कन है

है अब भी बिस्तर-ए-जाँ पर तिरे बदन की शिकन

घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए

एक मुद्दत से हैं सफ़र में हम

ये बार-ए-ग़म भी उठाया नहीं बहुत दिन से

वो माहताब अभी बाम पर नहीं आया

तुम्हारी याद के दीपक भी अब जलाना क्या

मुझ को वहशत हुई मिरे घर से

हुई न ख़त्म तेरी रहगुज़ार क्या करते

घुटन सी होने लगी उस के पास जाते हुए

दिल की गली में चाँद निकलता रहता है

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