सितारों से भरा ये आसमाँ कैसा लगेगा
हमारे बा'द तुम को ये जहाँ कैसा लगेगा
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Gulzar
Rahat Indori
Anwar Masood
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1137) Peoples Rate This
कोई तो फूल खिलाए दुआ के लहजे में
वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी
तमाशा करने वालों को ख़बर दी जा चुकी है
सहरा में एक शाम
दयार-ए-नूर में तीरा-शबों का साथी हो
एक शायर एक नज़्म
सर-ए-बाम-ए-हिज्र दिया बुझा तो ख़बर हुई
सजल कि शोर ज़मीनों में आशियाना करे
जुनूँ का रंग भी हो शोला-ए-नुमू का भी हो
कहीं से कोई हर्फ़-ए-मो'तबर शायद न आए
वही फ़िराक़ की बातें वही हिकायत-ए-वस्ल
अबू-तालिब के बेटे