Hope Poetry of Imam Bakhsh Nasikh

Hope Poetry of Imam Bakhsh Nasikh
नामइमाम बख़्श नासिख़
अंग्रेज़ी नामImam Bakhsh Nasikh
जन्म की तारीख1772
मौत की तिथि1838
जन्म स्थानLucknow

ख़्वाब ही में नज़र आ जाए शब-ए-हिज्र कहीं

जुस्तुजू करनी हर इक अम्र में नादानी है

आती जाती है जा-ब-जा बदली

ज़ोर है गर्मी-ए-बाज़ार तिरे कूचे में

वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ

सौ क़िस्सों से बेहतर है कहानी मिरे दिल की

सनम कूचा तिरा है और मैं हूँ

रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं

हैं अश्क मिरी आँखों में क़ुल्ज़ुम से ज़्यादा

इमाम बख़्श नासिख़ Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इमाम बख़्श नासिख़. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इमाम बख़्श नासिख़. Share the इमाम बख़्श नासिख़ Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.