मुबारक अज़ीमाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का मुबारक अज़ीमाबादी (page 4)
नाम | मुबारक अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Mubarak Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1849 |
मौत की तिथि | 1958 |
जन्म स्थान | Patna |
मेरे सर से क्या ग़रज़ सरकार को
ले चला फिर मुझे दिल यार-ए-दिल-आज़ार के पास
लगा दे सोज़-ए-मोहब्बत फिर आग सीने में
क्यूँ किया करते हैं आहें कोई हम से पूछे
कहते हैं कि दे मेरी बला दाद किसी की
जो पाँच वक़्त मुसल्ले पे क़िबला-रू निकले
जो निगाह-ए-नाज़ का बिस्मिल नहीं
जबीं पर ख़ाक है ये किस के दर की
इश्क़ की चौसर किस ने खेली ये तो खेल हमारे हैं
इसे सौदा उसे सौदा ये दीवाना वो दीवाना
घटा उट्ठी है काली और काली होती जाती है
देखे उसे हर आँख का ये काम नहीं है
दर्द-ए-दिल यार रहा दर्द से यारी न गई
चितवन जो क़हर की है तो तेवर जलाल के
बिखरी हुई है यूँ मिरी वहशत की दास्ताँ
बेगाना-ए-वफ़ा तिरा शेवा ही और है
बग़ल में हम ने रात इक ग़ैरत-ए-महताब देखा है
बद-ज़न हैं अहल-ए-काबा मुझ दैर-आश्ना से
अजब रंग की मय-परस्ती रही
अब कौन बात रह गई ये बात भी गई
आब-ओ-दाना तिरा ऐ बुलबुल-ए-ज़ार उठता है