मैं किस के हाथ पे अपना लहू तलाश करूँ
तमाम शहर ने पहने हुए हैं दस्ताने
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Allama Iqbal
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Habib Jalib
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Rahat Indori
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हार जीत
मुद्दतों कोर-निगाही दिल की
नगर नगर मेले को गए कौन सुनेगा तेरी पुकार
आवाज़ के साए
इंतिहा
किसी तो काम ज़माने के सोगवार आए
मुसाफ़िर
फ़नकार ख़ुद न थी मिरे फ़न की शरीक थी
जिस दिन से अपना तर्ज़-ए-फ़क़ीराना छुट गया
आदमी
दूर की आवाज़