Ghazals of Nadir Shahjahanpuri

Ghazals of Nadir Shahjahanpuri
नाम नादिर शाहजहाँ पुरी
अंग्रेज़ी नामNadir Shahjahanpuri
जन्म की तारीख1890
मौत की तिथि1963

ज़िंदगी अपनी कामयाब नहीं

वो कभी माइल-ए-वफ़ा न हुआ

मिरे मिटने पे गर तू भी मिटा होता तो क्या होता

माँगना काम मुझ सवाली का

लुट गया दिल कहाँ नहीं मालूम

लगता नहीं कहीं भी मिरा दिल तिरे बग़ैर

क्यूँ ये कहते हो क्या नहीं मालूम

कोई उस ज़ालिम को समझाता नहीं

किए क़रार मगर बे-क़रार ही रक्खा

कौन कहता है ग़म मुसीबत है

जो दर्द-ए-जिगर में कमी हो तो जानूँ

हम उन के ग़म में तड़प रहे हैं जो ग़ैर से दिल लगा चुके हैं

हम दिल फ़िदा करें कि तसद्दुक़-ए-जिगर करें

दिल मिट गया तो ख़ैर ज़रूरत नहीं रही

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