सितम से आश्ना होने को चाहे
सितम से आश्ना होने को चाहे
कोई जब बरहना होने को चाहे
हवा वो चल पड़ी है शख़्सियत की
कि हर बौना बड़ा होने को चाहे
(1710) Peoples Rate This
सितम से आश्ना होने को चाहे
कोई जब बरहना होने को चाहे
हवा वो चल पड़ी है शख़्सियत की
कि हर बौना बड़ा होने को चाहे
(1710) Peoples Rate This