ख़ुश-रंग आसमान उड़ा ले गई हवा

ख़ुश-रंग आसमान उड़ा ले गई हवा

ख़ुशबू का साएबान उड़ा ले गई हवा

काँटे उलझ के दामन-ए-हस्ती से रह गए

फूलों की दास्तान उड़ा ले गई हवा

आँखों में अब चमकते दर-ओ-बाम हैं कहाँ

ख़्वाबों का वो मकान उड़ा ले गई हवा

दिल के तअ'ल्लुक़ात की ख़ुशबू कहीं नहीं

मरबूत ख़ानदान उड़ा ले गई हवा

बे-सम्त ज़िंदगी मिरी बे-सम्त ही रही

मंज़िल का हर निशान उड़ा ले गई हवा

थी जिस के दम से जल्वा-ए-तहज़ीब-ए-नौ यहाँ

कब का वो ख़ाक-दान उड़ा ले गई हवा

क़िस्मत से आ गए थे हम अहल-ए-सितम के हाथ

वो तीर वो कमान उड़ा ले गई हवा

तूफ़ाँ से खेलती हुई कश्ती गुज़र गई

हर चंद बादबान उड़ा ले गई हवा

ज़ाहिर हुआ जो मतला-ए-दिल पर यक़ीं का नूर

पल भर में हर गुमान उड़ा ले गई हवा

बदला था जिन से 'नाज़' मिरा लहजा-ए-ग़ज़ल

वो तर्ज़ वो बयान उड़ा ले गई हवा

(480) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Naz Quadri. is written by Naz Quadri. Complete Poem in Hindi by Naz Quadri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.