निगाहों में चमक दिल में ख़ुशी महसूस करता हूँ

निगाहों में चमक दिल में ख़ुशी महसूस करता हूँ

कि तेरे बस में अपनी ज़िंदगी महसूस करता हूँ

थका देती हैं जब कौनैन की पहनाईयाँ मुझ को

तिरे दर पर पहुँच कर ताज़गी महसूस करता हूँ

ब-मजबूरी मुक़द्दर के उफ़ुक़ से झाँकने वाले

तिरी आँखों में इक शर्मिंदगी महसूस करता हूँ

जवानी को सज़ा-ए-लज़्ज़त-ए-एहसास दे देना

मैं इस हद पर ख़ुदा को आदमी महसूस करता हूँ

शब-ए-आख़िर फ़लक पर टिमटिमा कर डूबते तारे

मैं अपने साथ तेरा दर्द भी महसूस करता हूँ

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In Hindi By Famous Poet Qateel Shifai. is written by Qateel Shifai. Complete Poem in Hindi by Qateel Shifai. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.