Ghazals of Rafiq Sandelvi

Ghazals of Rafiq Sandelvi
नामरफ़ीक़ संदेलवी
अंग्रेज़ी नामRafiq Sandelvi
जन्म की तारीख1961
जन्म स्थानPakistan

ज़मीन पाँव तले सर पे आसमान लिए

उसे शौक़-ए-ग़ोता-ज़नी न था वो कहाँ गया

उसे शौक़-ए-ग़ोता-ज़नी न था वो कहाँ गया

सहर तक उस पहाड़ी के अक़ब में रो के आता हूँ

नींद के आब-ए-रवाँ को मात देने आऊँगा

मिटती हुई तहज़ीब से नफ़रत न किया कर

मिरा पाँव ज़ेर-ए-ज़मीन है पस-ए-आसमाँ मिरा हाथ है

मैं हवा को मुंजमिद कर दूँ तो कैसे साँस लूँ

मैं इक पहाड़ी तले दबा हूँ किसे ख़बर है

कुछ रोज़ मैं इस ख़ाक के पर्दे में रहूँगा

ख़ेमा-ए-ख़्वाब की तनाबें खोल

ख़ता होने लगे थे राद से औसान मेरे

कभी ज़ख़्मी करूँ पाँव कभी सर फोड़ कर देखूँ

झुका हुआ है जो मुझ पर वजूद मेरा है

अँधेरे के तआक़ुब में कई किरनें लगा देगा

अना को ख़ुद पर सवार मैं ने नहीं क्या था

अजब इक साया-ए-लाहूत में तहलील होगी

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