दुनिया को हर चीज़ दिखाई जा सकती है
दुनिया को हर चीज़ दिखाई जा सकती है
पत्थर में भी आँख बनाई जा सकती है
हिज्र का मौसम वो मौसम है जिस में जानाँ
आँखों में भी रात बिताई जा सकती है
पत्थर को ठोकर की हद तक तुम न जानो
पत्थर से तो आग लगाईं जा सकती है
ख़ुद के होने का एहसास दिलाता है वो
इस डर से कि उस की ख़ुदाई जा सकती है
दिल की बाज़ी ऐसी बाज़ी है जिस में हम
हारें भी तो जीत मनाई जा सकती है
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