सहमे नहीफ़ दरिया के धारे की बात कर

सहमे नहीफ़ दरिया के धारे की बात कर

अब दश्त-ए-बे-कराँ के किनारे की बात कर

दुनिया के मसअलों में मुझे भी शरीक रख

मेरे दरीदा दिल के भी चारे की बात कर

रहने दे ज़िक्र-ए-सूद किसी और वक़्त पर

राह-ए-वफ़ा में मेरे ख़सारे की बात कर

मेआ'र के न मुझ को कम-ओ-बेश में परख

तुझ को अगर क़ुबूल हूँ सारे की बात कर

हम बोरिया-नशीन तिरे शाह भी तो हैं

या लौट जा या साथ गुज़ारे की बात कर

अब आसमान सारा मिरी दस्तरस में है

उँगली उठा किसी भी सितारे की बात कर

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In Hindi By Famous Poet Saleem Figar. is written by Saleem Figar. Complete Poem in Hindi by Saleem Figar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.