Ghazals of Satya Nand Java

Ghazals of Satya Nand Java
नामसत्य नन्द जावा
अंग्रेज़ी नामSatya Nand Java

शहर-ए-दिल सुलगा तो आहों का धुआँ छाने लगा

सलीब लाद के काँधे पे चल रहा हूँ मैं

सब घरों में तो चराग़ों का उजाला होगा

कहाँ कहाँ से निगह उस को ढूँड लाए है

जो दूर से हमें अक्सर ख़ुदा सा लगता है

हमारे जिस्म ने जिस जिस्म को बुलाया है

दश्त-ए-तन्हाई में हम ख़ाक उड़ा देते हैं

दर्द-ए-दिल के लिए कुछ ऐसी दवा ली हम ने

आया था कोई ज़ेहन तक आ कर पलट गया

आरज़ूओं के शगूफ़ों को जला कर देखो

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