Ghazals of Sher Singh Naaz Dehlvi

Ghazals of Sher Singh Naaz Dehlvi
नामशेर सिंह नाज़ देहलवी
अंग्रेज़ी नामSher Singh Naaz Dehlvi
जन्म की तारीख1897
मौत की तिथि1962

ज़ुल्फ़-ए-जानाँ पे तबीअत मिरी लहराई है

ज़िंदगी नाम है जिस चीज़ का क्या होती है

वो झंकार पैदा है तार-ए-नफ़स में

वो जब तक अंजुमन में जल्वा फ़रमाने नहीं आते

वो हद से दूर होते जा रहे हैं

शब-ए-फ़िराक़ जो दिल में ख़याल-ए-यार रहा

क़ुल्ज़ुम-ए-उल्फ़त में वो तूफ़ान का आलम हुआ

क्या ख़बर थी कोई रुस्वा-ए-जहाँ हो जाएगा

कुछ इशारे वो सर-ए-बज़्म जो कर जाते हैं

कसरत-ए-वहदानियत में हुस्न की तनवीर देख

हिजाब-ए-राज़ फ़ैज़-ए-मुर्शिद-ए-कामिल से उठता है

दिल दिया है हम ने भी वो माह-ए-कामिल देख कर

दम-ए-अख़ीर भी हम ने ज़बाँ से कुछ न कहा

बातों में ढूँडते हैं वो पहलू मलाल का

बातों में ढूँडते हैं वो पहलू मलाल का

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