Ghazals of Sudarshan Faakir

Ghazals of Sudarshan Faakir
नामसुदर्शन फ़ाकिर
अंग्रेज़ी नामSudarshan Faakir
जन्म की तारीख1934
मौत की तिथि2008
जन्म स्थानJalandhar

ज़िंदगी तुझ को जिया है कोई अफ़्सोस नहीं

उल्फ़त का जब किसी ने लिया नाम रो पड़े

तुम न घबराओ मिरे ज़ख़्म-ए-जिगर को देख कर

शायद मैं ज़िंदगी की सहर ले के आ गया

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

पत्थर के ख़ुदा पत्थर के सनम पत्थर के ही इंसाँ पाए हैं

मिरी ज़बाँ से मिरी दास्ताँ सुनो तो सही

मेरे दुख की कोई दवा न करो

कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया

किसी रंजिश को हवा दो कि मैं ज़िंदा हूँ अभी

इश्क़ में ग़ैरत-ए-जज़्बात ने रोने न दिया

फ़लसफ़े इश्क़ में पेश आए सवालों की तरह

दुनिया से वफ़ा कर के सिला ढूँढ रहे हैं

दिल के दीवार-ओ-दर पे क्या देखा

अहल-ए-उल्फ़त के हवालों पे हँसी आती है

अगर हम कहें और वो मुस्कुरा दें

सुदर्शन फ़ाकिर Ghazal in Hindi - Read famous सुदर्शन फ़ाकिर Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet सुदर्शन फ़ाकिर. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet सुदर्शन फ़ाकिर. सुदर्शन फ़ाकिर Ghazals and Inspirational Nazams for Students.