अपनी मिट्टी है कहाँ की क्या ख़बर बाद-ए-सबा
हो परेशाँ देखिए किस किस जगह मुश्त-ए-ग़ुबार
Habib Jalib
Wasi Shah
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Gulzar
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गंगा जी
शब-ए-विसाल मज़ा दे रही है 'तू' तेरी
ब-ख़ुदा इश्क़ का आज़ार बुरा होता है
पदमनी
किसी मस्त-ए-ख़्वाब का है अबस इंतिज़ार सो जा
इस बाग़ में किस को फूल चुनते देखा
बजाए मय दिया पानी का इक गिलास मुझे
काफ़ूर है दिल-जलों को तनवीर-ए-सहर
फ़क़ीरों पे अपने करम इक ज़रा कर
गुलज़ार-ए-वतन
सती
इस बहर में सैकड़ों ही लंगर टूटे