Ghazals of Taban Ghulam Rabbani (page 2)
नाम | ग़ुलाम रब्बानी ताबाँ |
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अंग्रेज़ी नाम | Taban Ghulam Rabbani |
जन्म की तारीख | 1914 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Delhi |
हर मोड़ को चराग़-ए-सर-ए-रहगुज़र कहो
गुलों के साथ अजल के पयाम भी आए
एक तुम ही नहीं दुनिया में जफ़ाकार बहुत
दिल वो काफ़िर कि सदा ऐश का सामाँ माँगे
दौर-ए-तूफ़ाँ में भी जी लेते हैं जीने वाले
दाद भी फ़ित्ना-ए-बेदाद भी क़ातिल की तरफ़
छटे ग़ुबार-ए-नज़र बाम-ए-तूर आ जाए
छटे ग़ुबार नज़र बाम-ए-तूर आ जाए
भूले तो जैसे रब्त कोई दरमियाँ न था
बस्ती में कमी किस चीज़ की है पत्थर भी बहुत शीशे भी बहुत
बहार आई गुल-अफ़्शानियों के दिन आए