Ghazals of Tarkash Pradeep

Ghazals of Tarkash Pradeep
नामतरकश प्रदीप
अंग्रेज़ी नामTarkash Pradeep

कई अँधेरों के मिलने से रात बनती है

ये जो है ताना-बाना होगा क्या

तू मेरा दोस्त मिरा यार है नहीं है क्या

पागल वहशी तन्हा तन्हा उजड़ा उजड़ा दिखता हूँ

मुझे पता है बस इतना कि प्यार करना है

मैं रोज़-ए-हिज्र को बरबाद करता रहता हूँ

कोई रखता ही नहीं फिर भी रहा करता है

ख़ूब मुश्किल है पर आसान लिया जाता है

करते हुए तवाफ़ ख़यालात-ए-यार मैं

काम कुछ ऐसे कर गया हूँ मैं

इश्क़ में अब तो मर ही सकता हूँ

अपने दम से गुज़र औक़ात नहीं करता मैं

ऐ मेरे दिल तू बता तुझ को गवारा क्या है

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