वो जो वीरान फिरा करता है
उस के सर में कोई सहरा होगा
तुझ से दिल तेरे परस्तारों का
टूटते टूटते टूटा होगा
झुक के जो आप से मिलता होगा
उस का क़द आप से ऊँचा होगा
वो जो मरने पे तुला है 'अख़्तर'
उस ने जी कर भी तो देखा होगा
Parveen Shakir
Habib Jalib
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Gulzar
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1193) Peoples Rate This
उस शख़्स के ग़म का कोई अंदाज़ा लगाए
यूँ तो तन्हाई में घबराए बहुत
अब नींद कहाँ आँखों में शोला सा भरा है
जहालत का मंज़र जो राहों में था
किसी सूरत कोई सूरत निकालो