Ghazals of Yaseen Afzal
नाम | यासीन अफ़ज़ाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Yaseen Afzal |
ज़ेहन का कुछ मुंतशिर तो हाल का ख़स्ता रहा
ज़ख़्म मेरे दिल पे इक ऐसा लगा
रेत के इक शहर में आबाद हैं दर दर के लोग
पलकों पे रुका क़तरा-ए-मुज़्तर की तरह हूँ
बारिश रुकी वबाओं का बादल भी छट गया