मैं वक़्त के कोहराम में खो जाऊँ तो क्या ग़म
ढूँडेगा ज़माना मिरी आवाज़ का चेहरा
Wasi Shah
Parveen Shakir
Gulzar
Rahat Indori
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(928) Peoples Rate This
कितनी हसीन लगती है चेहरों की ये किताब
पानी की मौजों पे लिक्खी है लम्हों की बे-रूह कहानी
होंटों के सहीफ़ों पे है आवाज़ का चेहरा
सिमटे रहे तो दर्द की तन्हाइयाँ मिलीं
पलकें हैं कि सरगोशी में ख़ुश्बू का सफ़र है
तन्हाई की क़ब्र से उठ कर मैं सड़कों पर खो जाता हूँ