Khawab Poetry of Aashufta Changezi

Khawab Poetry of Aashufta Changezi
नामआशुफ़्ता चंगेज़ी
अंग्रेज़ी नामAashufta Changezi
जन्म की तारीख1956
मौत की तिथि?
जन्म स्थानAligarh

सोने से जागने का तअल्लुक़ न था कोई

ख़्वाब जितने देखने हैं आज सारे देख लें

अजीब ख़्वाब था ताबीर क्या हुई उस की

दयार-ए-ख़्वाब

ठिकाने यूँ तो हज़ारों तिरे जहान में थे

पता कहीं से तिरा अब के फिर लगा लाए

पनाहें ढूँढ के कितनी ही रोज़ लाता है

किसे बताते कि मंज़र निगाह में क्या था

किस की तलाश है हमें किस के असर में हैं

हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे

हमारे बारे में क्या क्या न कुछ कहा होगा

घर की हद में सहरा है

दूर तक फैला समुंदर मुझ पे साहिल हो गया

बादबाँ खोलेगी और बंद-ए-क़बा ले जाएगी

अजब रंग आँखों में आने लगे

आँखों के बंद बाब लिए भागते रहे

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