पहुँचा सियाह-फ़ाम इक आला-मक़ाम पर
दिन हो रहा है झूम के क़ुर्बान शाम पर
गोरों ने शायरों को सुनाने के वास्ते
काली ग़ज़ल कही है 'ओबामा' के नाम पर
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Rahat Indori
Anwar Masood
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दिया नींद ने ऐसा आँखों को धोका
हकला गया जो शादी में दूल्हा तो क्या हुआ
बैल क्या चीज़ है गधा क्या है
नाले कहीं बुलबुल के सुनाई नहीं देते
जो आप पर फ़िदा हैं वो मेरे रक़ीब हैं
ये मंज़र देख कर बीवी ने काटा अपने शौहर को
मेरी बीवी ने बना रक्खी है फुटबॉल की टीम
मैं ने कहा गधे से मियाँ कुछ पढ़ो लिखो
इश्क़ में सब्र आ गया 'आसिम'
एक लीडर ने ये कहा मुझ से
सिलसिले ऊँचे ख़यालात से जोड़े हम ने
है विटामिन की कमी आशिक़ में तेरे इस क़दर