जो आप पर फ़िदा हैं वो मेरे रक़ीब हैं
हैरत ये है कि आप उन्हीं के क़रीब हैं
बोसा दिया है सामने मेरे रक़ीब को
वल्लाह आप कितने अजीब-ओ-ग़रीब हैं
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Habib Jalib
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
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बैल क्या चीज़ है गधा क्या है
हकला गया जो शादी में दूल्हा तो क्या हुआ
दिल पे अपने चोट खा कर रो दिए
ये कहते हैं सभी इस दौर में हर काम मुमकिन है
मेरी बीवी ने बना रक्खी है फुटबॉल की टीम
दास्तान-ए-इश्क़ मैं ने जब कही ससुराल में
कहानी इश्क़-ओ-मोहब्बत की ख़त्म पर आई
हाथ में पापड़ लिए बैठा था मैं
अब कहाँ है वो नश्तरों की बहार
सिलसिले ऊँचे ख़यालात से जोड़े हम ने
आशिक़ों की तो है भर-मार तिरे कूचे में
मौत से मिलने गले देख तो आशिक़ तेरे